अध्याय दो क्रूस का दिखाऊ साधन
"मेमना ...... जो जगत की उत्पत्ति के समय से घात हुआ है," (प्रकाशितवाक्य १३:८ब)। "दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना १:२९)। "जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला" (यशायाह ५३:७ब)। "वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए" (१ पतरस २:२४)।त्रिएकता की अनन्त की गोष्ठी
प्रकाशितवाक्य १३:८ के अनुसार, मेमना समय की शुरूआत से बहुत पहले वध किया गया था। समय के खत्म होने के बहुत बाद में (प्रकाशितवाक्य १०:६), मेमना तब भी वध किया हुआ होगा। यशायाह ५३:७ में, मेमना समय के आयाम में वध किया गया, एक क्रूस पर। वह क्रूस, समय के अन्दर, एक सचमुच की जगह थी। यीशु मसीह ने एक सचमुच की मौत का सामना किया। वह सचमुच में दफनाया गया, सचमुच में जी उठा, और सचमुच में स्वर्गारोहित हुआ। लेकिन कलवारी का क्रूस उस बात का दिखाऊ साधन था जो त्रिएक परमेश्वर हमेशा से जानता और देखता था। अरबों साल पहले, अतीत के अनंत काल में, त्रिएक परमेश्वर ने एक शाश्वत गोष्ठी की। वहाँ पर ही पूर्वज्ञान के माध्यम से समय के अन्दर पुत्र का सूली पर चढ़ाया जाना पूर्व निर्धारित किया गया : "उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधमिर्यों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वा कर मार डाला" (प्रेरितों के काम २:२३)। यशायाह ४६:१० के अनुसार, त्रिएक परमेश्वर ने शुरुआत से अन्त को देखा। उन्होंने उन सबको भी पहले से देखा जो, समय के अन्दर, मेमने पर उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करेंगे, और उन्हें उनके पैदा होने से पहले मसीह में ठहराया : "क्योंकि जिन्हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है" (रोमियों ८:२९-३०)। हर विश्वासी जगत की नींव से पहले मसीह में "चुना गया" था (इफिसियों १:४)। हालांकि समय के अन्दर हम एक निश्चित उम्र के हो सकते हैं, पर अनंत काल में हम अरबों साल के हैं। आखिर हमारी उम्र क्या है? हम सटीक तौर पर नहीं कह सकते, क्योंकि समय में अनंत काल को गिन पाना असंभव है। लेकिन हम यह तो जानते हैं कि हमारी शुरुआत त्रिएक परमेश्वर की अनन्त की गोष्ठी में हुई, न कि जब हम अपनी माँ की कोख में गर्भ में आए। पिता ने मेमने को हमेशा वध हुआ देखा है। अपनी मानवता में यीशु मसीह, क्रूस पर लटका हुआ, अपनी देह पर हमारे पापों को लिए हुए हमारे लिए एक “दिखाऊ साधन"था, वह चित्रण करते हुए जो त्रिएक परमेश्वर जगत की नींव से पहले से देख रहे थे। पुराने नियम में पेश की गई सैकड़ों और हजारों बलियों के बारे में सोचो : बकरियाँ, मेमने, बैल, यहां तक कि गरीबों के लिए कबूतरियाँ। तब चित्रित करो कि किसी दिन जब यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने यीशु को अपनी ओर आते देखा और कहा, "देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना १:२९ब)। यहाँ थी एक बलि – आख़िरी बलि जो पूरी दुनिया के पापों को उठा ले जाएगा (इब्रानियों १०:१-१४ देखें)।"मसीह में" ठहराए गए
पिता अपने पूर्वज्ञान में हम में से प्रत्येक के नामों को जानता था। वह उस दिन को भी जानता था जब हम यीशु मसीह पर विश्वास करना और उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण करना चुनने वाले थे। इसलिए, उसने हमें पैदा होने से पहले मेमने के अंदर पूर्वनिर्धारित कर दिया। जब पिता ने अतीत के अनंत काल में देखा, तो उसने हमारे पापों को नहीं देखा। उसने मेमने को देखा, जो हमारे पापों के लिए मारा गया, हालांकि हम अभी तक पैदा भी नहीं हुए थे। पिता ने देखा और कहा, "वह रहा मेमना। अब उसकी वजह से, मेरी योजना स्वर्गदूतों और मानव जाति की सृष्टि से पहले सिद्ध की जा सकती है - योजना के शुरू होने से भी पहले।" परमेश्वर हम पर पाप कभी नहीं गिन सकता, क्योंकि उसकी योजना में, हम पहले ही मेमने पर विश्वास कर लिया है। इन्सान मसीह से बाहर पूर्वनिर्धारित नहीं है। हमारा इस बात को समझना महत्वपूर्ण है। विश्वासी की पूर्वनियति "मसीह में" है। हम परमेश्वर में मसीह के साथ छिपे हुए हैं (कुलुस्सियों ३:३)। इसलिए, हम उसके स्वरूप में बदले जाने के लिए ठहराए गए हैं (रोमियो ८:२९-३०)। यही कारण है कि १ यूहन्ना ३:२ कहता है, "जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उस को वैसा ही देखेंगे जैसा वह है।"पिता पुत्र की ओर देखता है, हमारे पाप की ओर नहीं
"जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है" (१ यूहन्ना ५:१२)। यह पंक्ति पाप के बारे में कुछ भी नहीं कहती है। यह ऐसा नहीं है, "वह जिसने पाप नहीं किया है, उसके पास जीवन है।" यह पुत्र का मुद्दा है, पाप का मुद्दा नहीं। "हे परमेश्वर, हे हमारी ढ़ाल, दृष्टि कर; और अपने अभिषिक्ति का मुख देख" (भजन ८४:९)। यीशु मसीह परमेश्वर का अभिषिक्त है। इफिसियों १:६ के अनुसार, हम उस प्यारे में स्वीकार किए गए हैं (यूनानी भाषा में, "उस प्रेम किए गए में अनुग्रहित")। क्योंकि हम अभिषिक्त के अंदर हैं, पिता कभी भी हमारे पाप को नहीं देखता है; वह पुत्र की धार्मिकता को देखता है। यही कारण है कि १ कुरिन्थियों १:३०-३१ कहता है, "परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा। ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, कि जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे।" हालांकि परमेश्वर कभी हमारे पापों को नहीं देखता है, पर कभी कभी हम, मसीही के तौर पर, देखते हैं। यहेजकेल २६:१६ और २१:२४ एक तस्वीर देता है कि जब हम अपने खुद के पापों को देखते हैं, तब क्या होता है। यहेजकेल २६:१६ के अनुसार, हम आत्मविश्वास खो देते हैं : "तब समुद्रतीर के सब प्रधान लोग अपने अपने सिंहासन पर से उतरेंगे, और अपने बागे और बूटेदार वस्त्र उतार कर थरथराहट के वस्त्र पहिनेंगे और भूमि पर बैठ कर क्षण क्षण में कांपेंगे; और तेरे कारण विस्मित रहेंगे।" यहेजकेल २१:२४ में, इसराएल के लोगों ने जब अपने पापों को देखा, तो उन्होंने बन्धुआई में प्रवेश किया, " इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, इसलिये कि तुम्हारा अधर्म जो स्मरण किया गया है, ...... इसलिये तुम उन्हीं से पकड़े जाओगे।" परमेश्वर ने उनके पापों की ओर बिलकुल नहीं देखा, क्योंकि यीशु ने जगत की नींव से पहले मेमने के तौर पर उनको अपने ऊपर लिया। लेकिन चुनने के द्वारा, इसराइल ने अपने पापों को देखा, आत्मविश्वास खो दिया, और बन्धुआई में ले जाया गया।मसीह की ओर देखो
गिनती २१:४-५ में, इस्राएल के "लोगों का मन मार्ग के कारण बहुत व्याकुल था।" वे परमेश्वर और उसके प्रतिनिधि, मूसा के खिलाफ बोलने लगे। उनकी शिकायत के बीच में, परमेश्वर ने उन्हें काटने के लिए जहरीले साँप भेजे, और कई लोगों की मृत्यु हो गई (पंक्ति ६)। तब लोग मूसा के पास आए और पछतावा किया। उन्होंने मूसा को परमेश्वर से प्रार्थना करने के लिए कहा कि सर्पों को दूर ले जाया जाए। जब मूसा ने प्रार्थना की, तो प्रभु ने उसे काँसे का विषैला साँप बनाकर एक खम्भे पर लटकाने के लिए कहा। "तब जो सांप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा" (गिनती २१:८ब)। यह सूली पर यीशु मसीह की एक तस्वीर है – एक दिखाऊ साधन। पीतल का सर्प एक वास्तविक सर्प के जैसा बनाया गया था, पर उसमें कोई जहर नहीं था। इसी तरह, यीशु पापमय शरीर की समानता में बनाया गया था, हालांकि उसने कभी पाप नहीं किया (रोमियो ८:३)। उसमें कोई जहर नहीं था। यूहन्ना ३:१४ कहता है, "जैसा कि मूसा ने जंगल में सांप को उठाया, वैसे ही मनुष्य के पुत्र को उठा लिया जाना चाहिए।" यीशु ने स्वयं यूहन्ना १२:३२ में कहा, "और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊंचे पर चढ़ाया जाऊंगा, तो सब को अपने पास खीचूंगा।" जो लोग सर्पों द्वारा काटे गए थे, उन्हें अपने जख्मों, या उनके आसपास के लोगों के जख्मों को देखने के लिए नहीं कहा गया था, लेकिन बस पीतल के सर्प को देखने के लिए कहा गया था, और वे तुरन्त चंगे होने वाले थे। मानव जाति के लिए यीशु मसीह का निमंत्रण यशायाह ४५:२२ में पाया जाता है: " हे पृथ्वी के दूर दूर के देश के रहने वालो, तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ! क्योंकि मैं ही ईश्वर हूं और दूसरा कोई नहीं है।" "विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते हुए..." (इब्रानियों १२:२अ)। यूनानी में "ताकते" शब्द अफाराओ (aphorao) है, जिसका मतलब है बाकी सब से दूर देखो और उस मेमने यीशु मसीह पर अपनी नज़र लगा लो, जो जगत के पापों को दूर ले जाता है। क्रूस सारे इतिहास का केन्द्र बिन्दु है। पुराने नियम के सन्त इसकी ओर आगे को देखते थे। हर बलि इस चरम बलिदान की ओर इशारा कर रही थी। कलीसिया के युग के सन्त क्रूस की ओर पीछे मुड़कर एक ऐतिहासिक वास्तविकता के रूप में देखते हैं। यह इकलौती चीज है जिसमें प्रेरित पौलुस महिमा करता था (गलतियों ६:१४)। क्रूस का उपदेश जो लोग बचाए जा रहे हैं उनके लिए सामर्थ्य है (१ कुरिन्थियों १:१८)। इस शानदार क्रूस पर हमारे दिखाऊ साधन के तौर पर नज़र लगाकर रखने के द्वारा हम अनन्त क्रूस का एक प्रगतिशील, व्यक्तिगत प्रकाशन प्राप्त करते हैं। This series is translated from the booklet by Pastor Carl H. Stevens, Jr titled "Forgiven, Forgotten and Gone Forever."