अब क्रिसमस पहले सा नहीं रहेगा
"गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते” कुरिन्थ के कलीसिया को लिखे पॉलुस के शब्द हमारे कानों में बजते हैं, लेकिन संकट या निराशा हम पर हावी होने के लिए प्रतीक्षा करते हैं। हमारे परिवार का एक सदस्य स्वर्ग चला गया है, परमेश्वर के पास। कल की ही बात है और अब अपनी छुट्टियों का समय है – अब क्रिसमस पहले सा नहीं होगा। डर भयानक होता जाता है, हम अपने जीवित परिवार या दोस्तों का सामना नहीं करना चाहते हैं; लेकिन फिर, हमें करना पड़ेगा।
हमारी अपने आँसू सम्हालने की क्षमता सीमित है, "अरे अगर मैं फूटकर रो पड़ा और तमाशा कर दिया और अपने इस दर्दनाक नुकसान की यादगार के द्वारा हर किसी की छुट्टी को खराब कर दिया?" "अब ६ महीने हो चुके हैं; लोगों को लगता होगा कि शायद मैं ठीक हूँ, या आगे बढ़ने के लिए तैयार हूँ" "मैं नहीं हूँ।" "मैं अभी भी बहुत ज्यादा दर्द में हूँ; मैंने खुद भी मर जाने की आशा की थी" "मुझे मेरे आस पास सच्चे दोस्तों की जरूरत है, लेकिन, छुप जाना ज्यादा सुरक्षित लगता है।" "आखिरकार, मैं एक मसीही हूँ - मुझे परमेश्वर द्वारा खुद को आराम देने देना चाहिए।"
मेरे जीवन की प्रेरणा चली गई
"वैसे, आश्वासन कहाँ है, परमेश्वर कहाँ है?" "मेरे दु:ख उसे मुझसे दूर ले गए हैं। मुझे लगता है कि मैं उससे क्रोध करता हूँ, मुझे लगता है कि मैं उस पर नाराज हूँ" "मैं कोशिश करता हूँ कि गुस्सा करके पाप न करूँ, तो क्या अब यह अंदर की ओर मुड़ गया?" "मेरे जीवन की प्रेरणा चली गई; अब क्या होगा, उसके बारे में लापरवाह हो गया हूँ। दर्शन के बिना मैं नाश हो रहा हूँ, लेकिन मैं कोई जहमत भी नहीं जुटा पा रहा हूँ।"
तैरता हुआ मलबा
दोस्तों, छुट्टियाँ मुश्किल हो सकती हैं। हे, उन दोस्तों और परिवारजनों के लिए प्रार्थना करते रहो जिन्होंने किसी प्रियजन को खो दिया है। हो सकता है कि वे जितना दिखाई देते हैं उससे अधिक बदतर हालत में हैं। वे मुस्कुराते तो हैं, लेकिन भीतर से रोते हैं, उनका चेहरा शांत है, लेकिन अन्दर एक तूफ़ान छिपा है। वे अब तक परमेश्वर, उसकी उपस्थिति, उसके आराम को नहीं खोज पा सके हैं। अब तक इनके अधिकांश समर्थक उनके लिए प्रार्थना करना से छोड़ चुके हैं। वे बाढ़ की नाली में तैरते हुए मलबा जैसे आशा के बिना तड़प रहे हैं।
जीवन गुलनार का कोई बिस्तर नहीं
हम कैसे मदद करें? जीवन के संकीर्ण मार्गों से गुजर रहे ज्यादातर की भावनाओं को इन शब्दों - गिरे हुए, उलझन में, सताए गए, परेशान - के माध्यम से वर्णन किया जा सकता है। दुर्भाग्य से, यह सामान्य हैं। जीवन गुलनार का कोई बिस्तर नहीं है। पाप और उसके हावी सिद्धांत ने यह निश्चित कर दिया है। फिर भी, व्यथित, नष्ट होना, त्यागा जाना, और निराशा "गहरी खाइयाँ” हैं – ये शब्द उन क्षेत्रों की चेतावनी देते हैं जहाँ हम जाने की हिम्मत ण करें।
बच्चों वाले दस्ताने पहन
हे प्रियों, सामान्य और पवित्रता में; कष्ट को बढ़ाओ मत। बुनियादी दर्द को ज्यादा मत करो; पहले से ही अप्रिय हालात को भड़काओ मत। न ही दूसरों को भी इस हैरान करनेवाले समय में और अधिक गन्दगी करने दो। बच्चों वाले दस्ताने पहनकर, हम कम शब्दों में प्रेम करते हैं। खुद को दूसरे की जगह में रखकर, हम सहानुभूति के साथ समर्थन करते हैं। इन लोगों को हमारे बोझ उठाने में सहायता की जरूरत है, अभी तक हमारी बुद्धिमत्ता की नहीं।
निर्मल प्रेम
एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग की एक कविता इन पंक्तियों से अन्त होती है; "... लेकिन मुझे प्यार की खातिर प्यार करता है, कि हमेशा के लिये तू, पर प्यार के अनंत काल से प्यार करता रहे।" हमारे उदास मित्र प्रेम की गुणवत्ता की इतनी लालसा रखते हैं, परमेश्वर के प्रेम की। "मुझे बस प्रेम करो, मुझे बेहतर कैसे करना है यह मत बताओ।" प्रेम कभी हारता नहीं है और पवित्रता में उसका वांछित प्रभाव अस्तित्व में आता है। निर्मल प्रेम एक टूटे हुए दिल को छूता है। इसका यकीन करो; हालांकि यह अपने आप में हमारे ह्रासमान संपत्ति में पैदा होता है, यह पर्याप्त होता है। उसमें कुछ भी जोड़ना फालतू है।
व्याव्हारिक्ताएं?
- शायद हम अपने परिवार के साथ इस घटना के लिए गए, लेकिन जल्दी लौट आए। थोड़ी सी कोशिश हमारे लिए दूसरों को तैयार कर सकती हैं; ज़रा सी योजना सहज प्रतिक्रियाओं के बुरे अनुभव से बचाने में मदद कर सकती हैं। आम तौर पर, जिन लोगों के दु:ख का अनुभव नहीं किया है, वे नहीं जानते हैं कि आपसे क्या कहना है। आप अपनी हालत को बेहतर समझने में उनकी मदद कर सकते हैं।
पहले की सोच
अगर आँसू आते हैं, तो वे हमारे लिए शर्म की बात नहीं हैं। इससे मत डरें। कुछ परिवार उत्सव में अपने मृत प्रियतम को शामिल करते हैं। संभवतः वे सम्मानित मेहमान, या उनकी स्मृति उस दिन का विषय बन जाता है। पूर्वविचार के माध्यम से हम तय कर सकते हैं कि उत्सव के किन हिस्सों में हम शामिल रहना चाहते हैं; शायद अब तक बहुत कुछ भुला नहीं पा रहे हैं। इसके विपरीत, कुछ उत्सव के हिस्से उचित न भी हो सकते हैं। रचनात्मक पूर्व-सोच दुखी समय को सम्मान और कीमती स्मरण के समय में बदल सकती है।
हमारे प्रियजन
अन्त में, निश्चित रूप से हमारे प्रिय न होंगे। इस शून्य को कुछ भी नहीं भर सकता है। यह दु:ख, शोक है।
"मौत एक बादल है – भयंकर, आवाज की ताली। प्रेम छोटा है और ऊंची आवाज नहीं। प्रत्येक कोशिका में रहता, छोटा नहीं किया जा सकता। एक किरण, एक बीज, एक ताल, एक शब्द, हमारी हवा और खून का एक गुप्त बहाव। यह विदेशी नहीं – नजदीक – हमारी चमड़ी जैसा - हमें भय की बचाकर रखने के लिए एक म्यान।“ (मे स्वेनसन की कविता "शेप ऑफ डेथ" से अंश)
प्रेम कभी विफल नहीं होता।
This article is the Hindi translation of the article ‘Now That They’re Gone’ published by Pastor Tom Sliva in www.ggwo.org.
अब वे नहीं रहे तो