बुद्धिमान जागते हैं, रोशनी के पीछे चलते हैं
Hindi-The-Wise-Watch - The Wise Follow the Light - Translated from the article by P Steve Andrulonis in ggwo.org मजूसियों ने आसमान की ओर ध्यान दिया| ये खगोलशास्त्री लोग तारामण्डलों और ग्रहों को सूचीबध्द करते थे| उनके लिए "तारा" देखने वाला छण उन सभी मौकों से बिलकुल अलग रहा होगा| धूमकेतु और क्षुद्रग्रह आते और जाते रहते हैं, पर यह रोशनी कुछ अलग तरह की थी| यह इस तरह से रुकी हुई थी कि मानो कोई रास्ता दिखा रही हो; उन्होंने ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह तारा उन्हें यहूदियों के राजा की ओर अगुवाई करने को आया था| सतर्क जागने वाले लोग जागरूक होते हैं, और जानते हैं कि आगे कब बढ़ना है| इन लोगों के लिए तारे के दिखाई देने का मतलब यह था कि अमल करने का समय आ गया है| उन्होंने तैयारी की और यहूदिया के लिए एक कारवाँ बंदोबस्त कर लिया| इन बुद्धिमान लोगों का वर्णन खगोलविदों और तांत्रिकों, जादूगरों और राजाओं, ज्योतिषियों और शिक्षाविदों के तौर पर किया गया है| मत्ती २ का पद यूनानी भाषा में इनके लिए "मागोई" या "मैगी" शब्द का प्रयोग करता है| उनके बारे में कहानियों, अफवाह और परम्परा पर आधारित कहानियाँ और कविताएँ लिखी गई हैं| सन १८५७ में विलियमस्पोर्ट, पेन्सिल्वेनिया के एक एपिस्कोपल चर्च के रेक्टर जॉन हेनरी हॉपकिंस द्वारा लिखी गई "वी थ्री किंग्स" के शब्द ज्यादातर लोगों की इस यात्रा के बारे में सोच का स्रोत बन गए| सिर्फ एक दशक में यह गीत क्लासिक क्रिसमस करलों का हिस्सा बन गया| खुले दिल, खुला खजाना तीन राजा? सच यह है कि बाइबल इन प्रतिनिधियों की गिनती के बारे में कुछ नहीं बताती है| इस यात्रियों की टोली की संरचना कुछ भी रही हो, पर हम यह जानते हैं कि वे यीशु को देखने आए थे और उन्होंने अपने खजाने खोलकर उसे तोहफे में सोना, और लोहबान, और गन्धरस दिए (मत्ती २:११ देखें)| पूर्व के इन लोगों ने रोशनी को उनकी यरूशलेम तक अगुवाई करने दी| शायद उन्हें लगा होगा कि वे उस बालक के जन्मोत्सव में भाग लेने जा रहे हैं| उन्हें यह जानकारी कहाँ से मिली? सर्वथा संभव है कि गिनती की किताब और बिलाम नबी की कहानी से, जो फायदे के लिए नबी था जो शाप देने और भविष्यवाणी करने के लिए पैसे लेता था| कदाचित ज्योतिषियों और तांत्रिकों के बीच उसका नाम सर्वज्ञात था| बिलाम की कहानियाँ पूर्व में वैसे ही सुनी जाती रही होंगी जैसे मिश्रियों और लाल समुन्दर की कहानियाँ| इन क्षेत्रों के लोग इसराएल के परमेश्वर को पराक्रमी और ताकतवर मानते थे| मोआबी राजा द्वारा इसराएल को शापित करने के लिए नियुक्त किए गए बिलाम के व्यापार पर जब परमेश्वर ने दखल दिया, तो वह सिर्फ उनपर आशिष की घोषणा कर पाया| बिलाम के बोले गए शब्दों में से कुछ यह थे : "मैं उसको देखूंगा तो सही, परन्तु अभी नहीं; मैं उसको निहारूंगा तो सही, परन्तु समीप होके नहीं: याकूब में से एक तारा उदय होगा, और इस्त्राएल में से एक राज दण्ड उठेगा; ........" (गिनती २४:१७)। एक तारे की आशा थी| वह तारा आया और मजूसियों ने उसे देखा और उसके पीछे हो लिए| एक तानाशाह के डर उनका पहला पड़ाव राजा हेरोदेस का महल था| "यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है?" उन्होंने उससे पूछा| एक तानाशाह अत्याचारी पागल राजा से कहने के लिए यह कोई बहुत अच्छी बात नहीं थी, जिसने क्रूरता और धोखेधड़ी भरी राजनीति के द्वारा शक्तिशाली पद दबोचा था| यह निर्मम शाषक आधा एदोमी था; मतलब कि उसकी खानदानी जड़ें  एसाव में थीं, जो इसहाक का पहला पुत्र था जिसने अपने पहलौठे होने के पद को तिरस्कार किया और बाद में अपने छोटे जुड़वें भाई के द्वारा धोखे से पारिवारिक आशिष भी खो दिया| उस छोटे जुड़वें भाई का नाम? याकूब| और अब याकूब के  तारे ने अपनी रोशनी इस एदोमी के राज्य में डाल दी थी| हेरोदेस और सारा यरूशलेम एक और राजा की खबर सुनकर परेशान और घबड़ा गए| यहूदी उस समय हेरोदेस की प्रजा थे और उसने याजकों और शास्त्रियों से समझाने को कहा| पवित्रशास्त्र - खासतौर से मीका ५:२ जाहिर कहानी बताता है; उस राजा का जन्म यरूशलेम से ५ मील से भी कम दूरी पर बैतलेहेम में होना था| मुझे लगता है मजूसी हेरोदेस के पास से कुछ हद तक घबराए हुए निकले होंगे| राजा ने उन्हें जाकर यीशु को खोजने और फिर उसे आकर उसका पता बताने के लिए कहा  "ताकि मैं भी आकर उस को प्रणाम करूं" (मत्ती २:८)| पर हेरोदेस का महल एक अंधकारमय स्थान था और उसके इरादे खतरनाक थे| जब वे हेरोदेस की छाया से बाहर निकले, तारा उनके लिए मौजूद था| "उस तारे को देखकर वे अति आनन्दित हुए।" (मत्ती २:१०) रोशनी की गति रोशनी हमारी ओर तेज़ी से आती है| खाली मानव आँख १.५ मील दूर से एक दीपक की रोशनी परख लेती है| एक लौ भी अन्धकार को पीछे कर देती है| रोशनी का न मिश्रण किया और न ही निगला जा सकता है| चीजें रास्ते में आकर उसका दिखना कठिन कर सकती हैं, पर रोशनी बनी रहती है| जल्द ही मजूसी बालक यीशु के सामने दण्डवत हुए| वह छोटा और सादा था और उसका घर कोई महल नहीं था| फिर भी उसके जीवन की रोशनी दिखाई पड़ रही थी| परमप्रधान की महिमा आ चुकी थी| पृथ्वी पर सभी के लिए शान्ति इस व्यक्ति - यीशु मसीह में आ गयी थी| वह मनुष्यों के लिए भलाई लेकर आया था| मतलब यह कि वह बहुतों के उद्धार के लिए बदले में अपना प्राण देने आया था| वह एक बार हमेशा के लिए परमेश्वर का मेमना बनकर बलि देने आया था| यह हमारे दिनों का भी सितारा है| सुसमाचार की रोशनी लोगों को आकर उसके पीछे चलने और खोजने का आग्रह करती है, जो प्रेम और जीवन और आशा है. इस सन्देश को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें| पास्टर शालर द्वारा प्रचार किए गए इस सन्देश को यहाँ सुनें|

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