[पाठ 1] — खोई  हुई प्रयोग पुस्तिका

“सबसे मूलभूत इंसानी प्रेरणा होती है जीवन के मायने की खोज।” विक्टर फ्रैंको

             एक हाइकर ने अपनी एक सोलो यात्रा के दौरान कुछ जंगली कबीलों से दोस्ती कर ली। जंगली गीत, जंगली रातें और जंगली खेल बड़ा मजेदार अनुभव रहा। शहर में लौटने के बाद उसे उनकी अब भी याद आती थी। आखिरकार उन्होंने उसकी जबरदस्त सेवा की थी। वह यह सोचता रहा कि आखिर उनके लिए ऐसा क्या करे कि उन्हें खुश कर सके। शायद एक खास तोहफा, जो उनके लिए बिलकुल नया हो। उसे खयाल आया कि रात के नाचगान के दौरान जो दाखमधु पीते वक्त उसे लग रहा था कि काश उसमें थोड़ी बर्फ डली होती। उस यादगार से जन्मा वो इरादा कि क्यों न इन दोस्तों के लिए एक रेफ्रिजरेटर तोहफे के तौर पर भेजा जाए।

अगली बार जब वह कैम्पर वीरानों में अपनी यात्रा के दौरान कबीली जंगलों में पहुंचा तो अंदाजा लगाओ क्या हुआ? उन्होंने हमेशा जैसे उसके साथ आनंद का इजहार किया और गिफ्ट के लिए धन्यवाद भी दिया। सारी दुपहर वह कल्पना करता रहा कि आज रात कैम्पफायर के दौरान वे उसका पसंदीदा जंगली शरबत कड़क ठंडा पिलाएंगे क्योंकि अब तो उनके पास मेरा भेजा हुआ फ्रिज है। शाम हमेशा जैसी ही रंगीन थी लेकिन फिर भी बर्फ नहीं थी। मुखिया के बेटे से जब उसने पूछा कि फ्रिज कहां है, तो उत्तर अत्यन्त ही मजेदार मिला ~ “ओह, उसे तो मैंने अपनी सबसे खास सैंडलों को रखने वाली आलमारी बना लिया है।”

क्या यह कहानी तुम्हे निराशाजनक लगी? या इससे तुम्हे अचरज हुआ? पर्यटक भी इस बात से बिलकुल हताश हुआ क्योंकि अब तक उसने इन अद्भुत जंगली दोस्तों के बीच में बहुत होशियारी के काम देखे थे, पर इस घटना में इन्होंने ऐसा मूर्खता भरा तरीका क्यों अपनाया। ये बात सच है कि उन्हें पूरी तरह से दोषी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि उनके लिए वाकई रेफ्रिजरेटर एक बिलकुल अनोखी चीज थी। पर क्या उनके अंजानेपन के बावजूद उनके पास कोई उचित तरीका था जिससे यह गलती रुक सकती थी? कुछ नहीं तो कम से कम “प्रयोग पुस्तिका” ही पढ़ लेते ये समझने के लिए कि आखिर ये है क्या। या मुझसे पूछ लेते। आखिरकार, मैनुफैक्चरर से बेहतर उस चीज के इस्तेमाल का तरीका कौन जानता है?


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